अखरोट
वैज्ञानिक नाम : Juglans Regia
कुलनाम : Juglandceae
अंग्रेजी नाम : Walnut
संस्कृत : अक्षोट , अक्षोड
हिन्दी : अखरोट
जगत : पादप
गण : Fagales
वंश : Juglans L
परिचय
अखरोट एक प्रकार का सूखा मेवा है जो खाने के लिये उपयोग में लाया जाता है। अखरोट का बाह्य आवरण एकदम कठोर होता है ।
यह सुन्दर और सुगन्धित वृक्ष होते हैं । यह पतझड़ करने वाले बहुत अच्छे वृक्ष होते है। अखरोट की दो जातियाँ पाई जाती हैं।
• जंगली अखरोट 100 से 200 फीट तक ऊँचे व अपने आप उगने वाले पेड़ होते हैं तथा इन पर लगने वाले फल का छिलका मोटा होता है।
• कृषि जन्य 40 से 60 फुट तक ऊँचा होता है और इसके फलों का छिलका पतला होता है। इसे कागजी अखरोट कहते हैं।
हेल्दी फैट, फाइबर, विटमिन्स और मिनरल्स से भरपूर अखरोट यानी वॉलनट सिर्फ ब्रेन हेल्थ और मेमरी के लिए ही फायदेमंद तो है ही , बल्कि आपकी ओवरऑल सेहत के लिए भी बेस्ट माना जाता है। अखरोट में प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फॉरस, कॉपर, सेलेनियम, ओमेगा-3 फैटी ऐसिड जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। अपने ढेरों फायदों की वजह से अखरोट को तो ड्राई फ्रूट्स का राजा भी कहा जाता है।
बाह्य स्वरूप
अखरोट का वृक्ष, एक पतझड़ करने वाला वृक्ष है । जिसकी दो प्रजातियाँ पाई जाती हैं । अखरोट का फल गोल आकर का, एकल बीज वाला, एक बहुत ही कड़े खोल वाला फल होता है । पहले ये फल हरे रंग का होता है । लेकिन आमतौर पर पूरी तरह से पकने के बाद भूरे रंग का दिखाई देता है। फिर छिलका हटाने से अखरोट का खोल का दिखाई देता है । इस कठोर खोल को हटानें पर भूरे रंग के बीज एक दूसरे में संलग्न होते हैं । जिसमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं । अखरोट के पत्ते 3 से 8 इंच लम्बे , 2 से 4 इंच चौड़े , अंडाकार , और सरल धार वाले पुष्प एकलिंगी होते हैैं । अखरोट का बाह्य आवरण एकदम कठोर होता है । और अंदर मानव मस्तिष्क के जैसे आकार वाली गिरी होती है । बसंत ऋतु में फूल तथा शरद ऋतु में फल आते हैं।
गुण
यह वान शामक , कफ पित वर्धक , अनुलोमन , को कम करने होता है। इसके छिलकों और पत्तों का औषधीय बनाने में उपयोग किया जाता है। अखरोट में 40 से 45 प्रतिशत तक तेल पाया जाता है। इसमें जुगलैडिक एसिड और रेजिन आदि भी पाये जाते हैं। इसके फलों में ऑक्जैलिक एसिड पाया जाता है। बिना खोल के अखरोट में 4% पानी, 15% प्रोटीन, 65% वसा और 14% कार्बोहाइड्रेट और 7% फाइबर पाया जाता है। अखरोट में कई आहार खनिजों की समृद्धता होती है, विशेषकर , मैंगनीज और विटामिन बी भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
उत्पादन
अखरोट के उत्पादन में चीन सबसे आगे हैं । और इसका उत्पादन करने वाले अन्य देशों में प्रमुख हैं - ईरान, अमेरिका, तुर्की और यूक्रेन । पूर्वी यूरोपीय देशों में सबसे ज्यादा उपज होती है । जिनमें प्रमुख हैं - स्लोवेनिया और रोमानिया। भारत में कश्मीर घाटी में इसकी उपज होती है । संयुक्त राज्य अमेरिका अखरोट का विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक है । और उसके बाद तुर्की दूसरे स्थान पर है।
औषधीय प्रयोग
• अखरोट की गिरी को 25 से 50 ग्राम तक की मात्रा में रोज खाने से मस्तिष्क तेज और सबल हो जाता है।
• अखरोट की छाल को मुंह में रखकर चबाने से दांत साफ होते हैं।
• अखरोट के छिलकों के भस्म से मंजन करने से दांत मजबूत होते हैं।
• अखरोट की गिरी को भूनकर चबाने से लाभ होता है।
• अखरोट की छाल का क्वाथ 60 से 80 ग्राम पिलाने से आतों के कीडे मर जाते हैं।
• अखरोट की पत्तों क्वाथ 40 से 60 ग्राम की मात्रा में पिलाने से भी आंतों के कीड़े मर जाते हैं।
उपयोग
• अखरोट का उपयोग कई मिठाइयों व व्यंजनों में किया जाता है।
• अखरोट के छिलकों और पत्तों का उपयोग औषधीय बनाने में भी किया जाता है ।
• अखरोट की गिरी से तेल निकाला जाता है और उस तेल का उपयोग मालिश करने तथा अन्य कामों (खाने व औषधीय प्रयोग) में किया जाता है।
• अखरोट का प्रयोग लिखने व ड्राइंग के लिए स्याही बनाने और कपड़ों के लिए भूरे रंग की डाई बनाने में किया जाता है ।
अखरोट के फायदे
• रोज 25 से 50 ग्राम अखरोट की गिरी खाने से मस्तिष्क तेज होता है।
• अखरोट की रोज नियमित मात्रा में खाने से सेहत अच्छा होता है।
• अखरोट वजन कम करने व दिल की बीमारियों से बचाने में सहायक होता है।
• अखरोट डायबिटीज को कम या दूर करने भी मददगार होता है।
• अखरोट कब्ज दूर कर पाचन को अच्छा करने में भी मददगार होता है ।
• अखरोट खाने से हड्डिया मजबूत होती हैं।
• अखरोट कैंसर के खतरे को कम करता है ।
• अखरोट इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
• अखरोट तनाव को कम करता है, और बेहतर नींद आराम देता है।
Informative 👌
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